Shaktambika Mata Kuldevi (श्री शक्टांबिका मंदिर): जगतजननी माँ शक्टांबिका का प्रसिद्ध मंदिर बनासकांठा जिले के वडगाम तहसील के पसवादल गांव में स्थित है। श्रद्धा और आस्था का प्रतीक श्री शक्टांबिका माता के मंदिर का निर्माण लगभग 1100 वर्ष पहले किया गया था। पौराणिक लोककथा के अनुसार, पाटन के पराक्रमी राजा सोलंकी ने गौहत्या के कलंक से मुक्ति पाने और प्रायश्चित स्वरूप विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था।
shaktambika mata kuldevi
शक्टांबिका माताजी को अलग-अलग वाहन में किया जाता है विराजित:
शिवालय के निर्माण के लिए राजा ने वेदों में पारंगत निष्णात एक हजार ब्राह्मणों को उत्तर प्रदेश से बुलवाया था। ब्राह्मण जगत जननी को शकट यानी बैल गाड़ी में अपने साथ लेकर आए बैल गाड़ी रास्ते में ही रुक गई उसी स्थान पर शक्टांबिका माताजी की स्थापना की गई। इस प्रकार गांव में गौतमी ब्राह्मण पुष्पदलिया के नाम से पहचाने जाने लगे। तभी से पौराणिक और पवित्र यात्रा धाम का विशेष महत्व है, शक्टांबिका माताजी को अलग-अलग वाहन में विराजमान किया जाता है। जगत जननी माता शक्टांबिका के दर्शन से सभी भक्तों की दुख दूर होते हैं।
श्री शक्टांबिका मंदिर
पसवादल गांव में श्री शक्टांबिका साक्षात मौजूद:
गांववासियों की मान्यता है कि पसवादल गांव में श्री शक्टांबिका साक्षात मौजूद हैं। दिव्य मूर्ति के दर्शन करने भक्तगण गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश से भी आते हैं। सभी यात्रियों के लिए मंदिर द्वारा रहने और भोजन की उत्तम सुविधा उपलब्ध कारवाई जाती है। हर रविवार, पूर्णिमा, सप्तमी और नवरात्रि के दिन दर्शन का अधिक महत्व माना जाता है। शुक्लपक्ष सप्तमी के दिन सभी भक्त धूमधाम से माँ की पूजा करते हैं और हवन करते हैं।
माँ शक्टांबिका की कृपा चारों दिशाओं में फैली हुई है। गौतमी ब्राह्मणों के अलावा अन्य समाज के लोग भी माँ की पूजा करते हैं।
देखें यह वीडियो: Chamunda Ma Temple
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