गुजरात(Gujarat) के स्कूलों में अब छात्र-छात्राओं को भगवद्गीता(Bhagavad Gita) का पाठ पढ़ाया जाएगा. छठी से 12वीं क्लास तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अब मंत्रोच्चार करेंगे, उन्हें गीता का सार सीखाया जाएगा. गुजरात सरकार(Gujarat Government) की ओर से जारी की गई नई शिक्षा नीति में इस बात का ऐलान किया गया है. सूबे के शिक्षा मंत्री जीतूभाई वघाणी(Jitu Bhai Vaghani) ने इसकी जानकारी दी.
प्रतियोगताओं का होगा आयोजन
शिक्षा मंत्री जीतूभाई वघाणी ने बताया कि छात्रों को गीता(Bhagavad Gita) के सिद्धांत और मूल्य पढ़ाए जाएंगे. किताबों में कहानी के रूप में बच्चों को इसकी शिक्षा दी जाएगी. स्कूलों के प्रार्थना कार्यक्रम में भी भगवद्गीता का पाठ होना चाहिए. स्कूलों में भगवद्गीता पर आधारित श्लोकगान, निबंध और क्वीज जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्कूलों में इसकी शुरुआत की जाएगी.
To include Indian culture & knowledge system in school education from academic year 2022-23, in first phase, values & principles contained in Bhagavad Gita being introduced in schools from Std 6-12 as per understanding & interest of children: Gujarat Education Min Jitu Vaghani pic.twitter.com/Xt0Jl5Akl4
— ANI (@ANI) March 17, 2022
हरियाणा में भी पढ़ाई जाती है गीता
हालांकि गुजरात सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया जब इसी साल कुछ महीनों बाद गुजरात में विधानसभा चुनाव(Gujarat Assembly Election 2022) होने वाले हैं. फरवरी 2023 में गुजरात विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है, ऐसे में इस फैसले को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है किसी राज्य के स्कूल में गीता(Bhagavad Gita In School) पढ़ाने का फैसला लिया गया हो. हरियाणा में इससे पहले सरकार ने इसे लेकर फैसला लिया था और वहां तो गीता महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है. सीबीएसई के तहत कई स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ाई जा रही है.
ये भी पढ़ें: द कश्मीर फाइल्स के बाद क्या अब कश्मीर के मंदिरों में गूंजेगी घंटियों की ध्वनि?
राज्य चाहें तो सिलेबस में कर सकते हैं शामिल
बता दें कि बीते साल दिसंबर के महीने में सदन में शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा था कि राज्य सरकारें अगर चाहें तो स्कूलों में भगवद्गीता (Bhagavad Gita) पढ़ाने का प्रावधान कर सकती हैं. नई शिक्षा नीति में बच्चों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर दिया गया है. ऐसे में बिहार जैसे राज्य के लिए भोजपुरी भाषा को लेकर भी केन्द्रीय मंत्री ने बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर सरकार चाहे तो भोजपुरी भाषा को भी सिलेबस में शामिल कर सकती है.
अधिक रोचक जानकारी के लिए डाउनलोड करें:- OTT INDIA App
Android: http://bit.ly/3ajxBk4