Sualkuchi Silk Industry:- पुरातन समय से ही उच्चगुणवत्ता वाले रेशम के उत्पादन के लिए असम राज्य पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसलिए उफनती ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे उत्तरी तट पर बसा हुआ यह राज्य सिल्क के कपड़ों का स्वर्ग माना जाता है। रेशम उत्पादन असम में इस प्रकार विकसित हुआ कि, भारत सहित विदेशों में भी रेशमी पड़ों की मांग बढ़ने लगी यानि की विदेशों में भी असम के रेशमि वस्त्रों का डंका बजने लगा।
silk saree, Image Credit: Google Image
सदियों से रेशम की खेती और बुनाई असामी महिलायें करती आ रही हैं। लेकिन रेशम की बुनाई और उत्पति के लिए राज्य का एक विशेष स्थान स्यालकुची के सिलुकुची नामक रेशम के कपड़ों को अधिक प्रसिद्धि मिली है। Sualkuchi ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे गुवाहाटी से 50 किलोमीटर की दूरी पर असम के कामरूप जिले में स्थित एक शहर है। यहाँ का सिल्क उद्धयोग असामियों की सांस्कृतिक और आर्थिक स्थित को दर्शाता है। यह गाँव 90 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
आहोम राजा ने लगभग 11 वीं शताब्दी में स्यालकुची की स्थापना की:-
आहोम राजा ने लगभग 11 वीं शताब्दी में स्यालकुची की स्थापना की थी। यहाँ पर धर्मपाल और पाला वंश के शासन काल में 26 बुनकर परिवारों को शाही संरक्षण दिया गया और Sualkuchi को रेशम बुनाई का एक महत्वपूर्ण केंद्र निर्धारित किया गया। उन दौरान Sualkuchi के हाथ-करघा उद्योग (Hand Craft Industry) में सूती कपड़े, रेशम के कपड़े और साथ ही खादी के कपड़ों का उत्पादन किया जाता था, आज भी यह प्रक्रिया चली आ रही है। स्थानीय निवासी रेशम की बुनाई को ही आय का मुख्य स्त्रोत के रूप में अपनाते गए और आज भी स्यालकुची गाँव के निवासियों की आय का मुख्य स्त्रोत रेशम की बुनाई ही है।
रेशम बनाने की प्रक्रिया, Image Credit: Google Image
सिल्क के प्रकार:- (Sualkuchi Silk Industry)
रेशम के कीड़ों पर आनुवंशिक शोध से पता चलता है कि असम रेशम की उत्पत्ति असम के दो विशिष्ट क्षेत्रों में हुई थी। एक था गारो हिल्स प्राचीन में कामरूप राज्य और दूसरा था धाकुखाना प्राचीन में चुटिया साम्राज्य। इसलिए असम में तीन प्रकार के सिल्क पाए जाते हैं। मुगा रेशम, पाट रेशम और एरी रेशम।
Silk plating
- मुगा रेशम– रेशम के कीड़ों का उत्पाद है, एथेराए एसेंसेंसिस कीड़े की लार से यह रेशम बनता है।
- पैट रेशम बोमबेक्स टेक्स्टर रेशम के कीड़ों से बनता है। ये कीड़े शहतूत के पेड़ पर या फिर पत्तियों पर पाए जाते हैं।
- एरी सिल्क नरम और गरम होता है इसलिए इसका उपयोग शॉल और रजाई के लिए अधिक लोकप्रिय है।
असम की महिलाओं की वेशभूषा मेखला चादर है, जिसे रेशमी कपड़ों से बनाया जाता है, इस सफेद रंग के वस्त्र में पत्तियों के आकार में रेशम से बुनाई की जाती है। असम के प्रसिद्ध त्योहार बीहू में मेखला वेशभूषा को पहना जाता है।
Sualkuchi मुगा रेशम के लिए प्रख्यात:-
Sualkuchi मुगा रेशम के लिए प्रख्यात है। इसके अलावा गोल्डन फाइबर का उत्पादन भी केवल असम में ही किया जाता है। पूरे विश्व में इसकी निर्यात क्षमता अधिक है। इन गतिविधियों की वजह से आसामी लोगों की संस्कृति और परंपरा एक दूसरे से आज भी जुड़ी हुई है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान Sualkuchi के बुनाई उद्योग को और भी बढ़ावा मिला। कपड़े की बढ़ती मांग और बढ़ती कीमतों ने तांती परिवारों को व्यावसायिक रूप से बुनाई शुरू करने के लिए फिर से प्रोत्साहित किया। और कारखानों में काम करने लगे। आज, अर्ध-स्वचालित फ्लाई शटल हैंडलूम सहित फैक्ट्री प्रणाली सुआलकुची शहर में बढ़ावा दिया गया है। इस शहर के लगभग 73.78% घरों में हैंड-लूम की वाणिज्यिक बुनाई की जा रही है।
यहाँ पढ़ें: ‘Kaziranga National Orchid Park’ है, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र क्यूंकि यहाँ पर….
2002 में आयोजित Sualkuchi में हाथ-करघों की जनगणना से पता चलता है कि Sualkuchi के पास 13752 सक्रिय वाणिज्यिक हाथ-करघे हैं, जिनमें से 54.75% महिला बुनकरों द्वारा किए जाते हैं। हालांकि, Sualkuchi ने पैट और मुगा रेशम का उत्पादन करके उत्तर पूर्व भारत में अपना अद्वितीय स्थान बना लिया है।
देश दुनिया की खबरों को देखते रहें, पढ़ते रहें.. और OTT INDIA App डाउनलोड अवश्य करें.. स्वस्थ रहें..
अधिक रोचक जानकारी के लिए डाउनलोड करें:- OTT INDIA App
Android: http://bit.ly/3ajxBk4