भारत की सबसे बड़ी एकमात्र सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) के निजीकरण की प्रक्रिया में सरकार ने एक मील का पत्थर पार कर लिया है. अब एयर इंडिया की बोली टाटा संस ने जीत ली है. इस बात की पुष्टि डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने की है.
जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया के लिए कुल दो बोलियां लगी थीं, जिसमें टाटा संस ने 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई. रतन टाटा ने ट्वीट कर इस पर खुशी जाहिर की है, उन्होंने लिखा है कि वेलकम बैक एयर इंडिया.
Welcome back, Air India 🛬🏠 pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021
1932 में हुई थी एयर इंडिया की शुरुआत
बता दें कि Air India की शुरुआत सबसे पहले जेआरडी टाटा ने साल 1932 में टाटा एयरलाइन के नाम से की थी. हालांकि, बाद में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और भारत सरकार को सौंप दिया गया. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने 5 अगस्त को संसद के मानसून सत्र में कहा कि एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2020 (31 मार्च, 2020) तक देश के खजाने में 70,820 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उल्लेखनीय है कि इंडियन एयरलाइंस का वर्ष 2007 में एयर इंडिया में विलय कर दिया गया था.
ये भी पढ़ें: कर्ज में डूबी एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा संस ने लगाई बोली
दो एयरलाइनों में हिस्सेदारी खरीद चुका है टाटा समूह
टाटा समूह पहले ही दो एयरलाइनों में हिस्सेदारी खरीद चुका है, जिनमें से एक कम लागत वाली एयरलाइन एयर एशिया इंडिया है तो दूसरी एयरलाइन कंपनी विस्तारा है, जो एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड है. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि टाटा समूह ने एयर इंडिया के लिए किस कंपनी से बोली लगाई है. एयर इंडिया पर करीब 43,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
अधिक रोचक जानकारी के लिए डाउनलोड करें:- OTT INDIA App
Android: http://bit.ly/3ajxBk4