Tulsi vivah 2021: कार्तिक मास हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा धार्मिक महत्व वाला महीना माना जाता है। इस महीने में दिवाली का सबसे बड़ा त्योहार मनाया जाता है। इस महीने में तुलसी पूजा का भी बड़ा खास महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म में तुलसी को सबसे ज्यादा पवित्र माना गया है। हिन्दू धर्म में कोई भी पूजा (Tulsi vivah 2021) बिना तुलसी के अधूरी ही मानी जाती है। हर घर में तुलसी का पौधा अवश्य मिलता है। तुलसी की हर दिन पूजा की जाती है, लेकिन कार्तिक के महीने में तुलसी पूजा का खास महत्व है।
तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से हुआ:
हर साल दिवाली के 11 दिन बाद तुलसी विवाह की पूजा होती है। तुलसी विवाह हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन किया जाता है। इसे देवउठनी एकादशी के रुप में भी जाना जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी 15 नवंबर को है। इस दिन शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। देवउठनी एकादशी का विवाह के लिए भी अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। इस विवाह को करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि के साथ माता लक्ष्मी का वास होता है।
तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त:
तुलसी विवाह सोमवार, नवम्बर 15, 2021 को
द्वादशी तिथि प्रारम्भ – 6:35 सुबह 15 नवम्बर
द्वादशी तिथि समाप्त – 8:00 सुबह 16 नवम्बर
तुलसी विवाह की पूजा विधि:
इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है और माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। भगवान शालिग्राम विष्णु जी का अवतार थे। पूजा के समय सबसे पहले तुलसी के पौधे के चारों तरफ शादी की तरह मंडप सजाया जाता है। फिर तुलसी के पौधे पर लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। फिर श्रृंगार की चीजें भी चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शालिग्राम की पूजा करें। फिर भगवान शालिग्राम की मूर्ति को उठाए और तुलसी जी के साथ सात परिक्रमा कराएं। इसके बाद अंत में आरती की जाती है।
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। OTT India इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)