रण सरोवर (Rann sarovar) प्रोजेक्ट को लेकर कई तरह की दलीलें सामने आ रही हैं. जिनमें ऐसा माना जा रहा है कि रण सरोवर (Rann sarovar) प्रोजेक्ट से वाइल्ड एज सेंचुरी सुरक्षित नहीं रहेगी. फ्लेमिगों चले जाएंगे और नमक की खेती करने वाले मजदूरों की आजीविका पर भी सवाल खड़ा हो रहा है.
जयसुख भाई पटेल इन सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहते हैं कि रण सरोवर बनने से इन सभी की जिंदगी में बदलाव आएगा. अगरिया मजदूरों की आय में बढ़ोत्तरी होगी, फ्लेमिंगो को 12 महीने पानी मिलेगी. वहीं जंगली गधों को खाने और पानी के साथ-साथ सुरक्षा भी प्रदान होगी.
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