प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा घातक है. दुनिया के अनेक देश इस समय पर डिस्पोजेबल प्लास्टिक के उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है. और यह प्लास्टिक को दुनिया भर की रीसाइक्लिंग करने क्षमता से ज्यादा है. अब इस समस्या से निपटने के लिए वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक को जेट ईंधन और दूसरे उत्पादों में बदलने का एक तरीका विकसित किया है. जिसके कारण प्रदूषण फैला रहे प्लास्टिक से निजात मिलेगी और प्लास्टिक का पुनः उपयोग कर सकेंगे.
शोधकर्ताओं ने इस संशोधन के तहत 90 प्रतिशत प्लास्टिक को एक घंटे के अंदर ही जेट ईंधन में बदल दिया. इसके साथ हाइड्रोकार्बन उत्पादों में भी बदला है. उत्पादों को बनाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान और सक्षम है. यह संशोधन चुहुआ जिया और होंगफेई लिन, जीन और लिंडा वोइलैंड स्कूल ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग एंड बायोइंजीनियरिंग में एसोसिएट प्रोफेसर के नेतृत्व में किया गया है. यह शोध केम केम कैटालिस्ट पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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कैसे माइक्रोप्लास्टिक नुकसान करता है
जिस तरह से प्लास्टिक का कचरा छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता हैं तो टुकड़े माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाते है. माइक्रोप्लास्टिक के सूक्ष्म कण खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहे हैं और मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य प्राणीयों के लिए भी खतरा बन रहा हैं. तकरीबन हर एक चीज अब प्लास्टिक से प्रभावित हो रही है. प्लास्टिक का पुनः उपयोग करना सदा से ही समस्याग्रस्त रहा है सबसे आम रीसाइक्लिंग करने की विधियां प्लास्टिक को पिघलाती हैं और उसे फिर ढालती हैं, लेकिन इससे अन्य उत्पादों में उपयोग के लिए इसका आर्थिक मूल्य और गुणवत्ता कम हो जाती है.
रासायनिक रीसाइक्लिंग उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन कर सकता है, लेकिन इसके लिए उच्च प्रक्रिया तापमान और लंबी प्रक्रिया के समय की आवश्यकता होती है. जिससे यह उद्योगों के लिए बहुत महंगा और अधिक खर्च वाला हो जाता है. इन मुश्किलों के कारण, अमेरिका में हर साल केवल 9 फीसदी प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग की जाती है और बाकी का जैसा था वैसा ही रहता है. डब्लूएसयू शोधकर्ताओं ने पॉलीथिन को जेट ईंधन और उच्च मूल्य वाले ल्यूब्रिकेन्ट के उत्पादों में आसानी से बदलने के लिए एक उत्प्रेरक प्रक्रिया विकसित की.
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पॉलीइथिलीन, जिसको प्लास्टिक के रूप में भी जाना जाता है. जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्लास्टिक है. जिसका उपयोग प्लास्टिक की थैलियों, प्लास्टिक दूध के जग और शैंपू की बोतल,जंग विरोधी पाइपिंग, प्लास्टिक के फर्नीचर. इस तरह कई उत्पाद बनाए जाते है. इस प्रक्रिया के लिए, शोधकर्ताओं ने कार्बन उत्प्रेरक और आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले विलायक पर रूथेनियम का उपयोग किया है. वे 220 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर एक घंटे के भीतर लगभग 90 फीसदी प्लास्टिक को जेट ईंधन या अन्य हाइड्रोकार्बन ल्यूब्रिकेन्ट के रूप में परिवर्तित कर सकते है.
वैज्ञानिक लिन ने कहा कि प्रक्रिया परिस्थितियों को नियंत्रित करने, जैसे कि तापमान, समय या उत्प्रेरक की मात्रा का उपयोग करना, उत्पादों को बनाने की प्रक्रिया को ठीक करने में सफल होना महत्वपूर्ण है. बाजार की मांग के अनुसार वे उस उत्पाद को बना सकते हैं. इस कुशल प्रक्रिया का प्रयोग अपशिष्ट पॉलिथीन से चुनिंदा उच्च मूल्य वाले उत्पादों के उत्पादन के लिए एक आशाजनक दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि उनकी यह प्रक्रिया अन्य प्रकार के प्लास्टिक के साथ प्रभावी ढंग से काम कर सकती है.
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