पर्यावरण संरक्षण(Environmental Protection) का बिगुल बजाने वाले लोग अक्सर आपको वेटलैंड्स या आद्रभूमि की बात करते मिल जाएंगे. आपने भी कभी-कभी पढ़ा होगा कि रामसर स्थल की सूची में इन वेटलैंड्स को जगह मिली है. आखिर ये रामसर स्थल की सूची और वेटलैंड्स क्या हैं. धरती पर इनकी जरूरत क्या है, और विश्व आद्रभूमि दिवस(World Wetlands Day) मनाने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई. इन्हीं सब सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि आखिर ये क्या हैं.
वेटलैंड्स क्या है?
सबसे पहले समझते हैं कि ये वेटलैंड्स(What Is Wetlands) क्या है. आपने अपने घर के आसपास नदी-तालाब या पोखरा देखा होगा या फिर ऐसी दलदल भूमि तो जरूर देखी होगी, जहां न तो खेती होती है और ना ही कोई उधर जाना पसंद करता है, क्योंकि दलदल में फंसने का डर होता है. तो यही जो दलदल वाली भूमि है उसे आप आद्रभूमि कह सकते हैं. शब्दों के हिसाब से समझें तो आद्र का मतलब शुष्क यानि नमी होना है. ये ऐसी जमीन होती है जहां या तो साल भर या फिर मौसम के हिसाब से पानी ही पानी भरा होता है.
आज विश्व वेटलैंड दिवस के अवसर पर समारोह में सम्मिलित सभी को वेटलैंड मित्र की शपथ दिलाई।
आप सब भी आज यह शपथ दोहरायें…#WorldWetlandsDay pic.twitter.com/xvqT96S7tD
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) February 2, 2022
वेटलैंड्स का आपके जीवन में क्या महत्व है
अब आप वेटलैंड्स के बारे में समझ गए होंगे तो आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इसका इतना क्या महत्व है कि इसे संरक्षित करने और इसका एक दिवस(World Wetlands Day) मनाने की जरूरत पड़ गई तो इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको ये जानना होगा कि आपकी जिंदगी में इसकी क्या भूमिका है. दरअसल वेटलैंड्स को एक तरह से जलचक्र में किडनी की संज्ञा दी जाती है. जैसे शरीर में खून को शुद्ध करता है, ठीक उसी तरह वेटलैंड्स जल में शामिल प्रदूषित कणों को निकालकर जल को शुद्ध कर देता है. इसके अलावा बाढ़ के दौरान जब पानी बढ़ जाता है तो उसका शोषण करना और कार्बन(Carbon) अवशोषण करना भी इसका मुख्य कार्य है.
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रामसर सूची का मतलब क्या है
2 फरवरी 1971 को ईरान के एक छोटे पर्यटन प्रधान शहर रामसर से इसकी शुरुआत हुई. उस दिन दुनिया के कई मुल्कों ने एक अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर कर इसके संरक्षण का संकल्प लिया. वहीं उस शहर के सम्मान में जिस लिस्ट में इन जगहों का नाम शामिल किया गया उसे रामसर सूची नाम दिया गया. हालांकि औद्योगिकरण के बढ़ते प्रभाव और शहरीकरण की वजह से वेटलैंड(World Wetlands Day) की संख्या में करीब एक तिहाई की गिरावट देखने को मिली है.
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हालांकि फिलहाल जलशक्ति मंत्रालय की ओर से इसे लेकर अभियान चलाया जा रहा है और भारत में फिलहाल 47 रामसर स्थल हैं, जिनमें गुजरात के दो थोल और वधवाना को बीते साल ही इस सूची में शामिल किया गया है. इस साल यानि साल 2022 में मनाए जाने वाले वर्ल्ड वेटलैंड्स डे की खास बात ये है कि इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप (United Nations International Day) में मनाया जाएगा.
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