Zojila Tunnel Length: पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी है। शहरों से लेकर गांव-ढाणियों तक सफर पहले के मुकाबले काफी आसान हो गया है। मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी कई और ऐसी ही राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जोजिला सुरंग का भी निरीक्षण करेंगे। जोजिला सुरंग (Zojila Tunnel Length) को एशिया की सबसे लंबी टनल बताया जा रहा है। इसके निर्माण के बाद भारी बर्फबारी के बाद भी श्रीनगर-लेह-लद्दाख हाइवे बंद नहीं किया जाएगा।
केवल 15 मिनट में होगा साढ़े तीन घंटे का सफर:
बता दें इस सुरंग के निर्माण से यातायात को बहुत फायदा होगा। इससे सड़क दुर्घटना में तो कमी आएगी उसके साथ सफर में समय की भी काफी बचत होगी। इस रास्ते पर पहले 14 किमी के लिए करीब साढ़े तीन घंटे तक का समय भी लग जाता था, जो इस सुरंग के बनने के बाद केवल 15 मिनट में भी पूरा हो जाएगा। इस सुरंग की लंबाई करीब 14 किलोमीटर बताई जा रही है। जिसको पार करने के लिए सिर्फ 15 मिनट ही लगेगा। जोजिला टनल को एशिया की सबसे लंबी सुरंग बताया जा रहा है। इस सुरंग की नींव मई 2018 में ही रख दी गई थी।
भारी बर्फबारी के बाद भी जारी रहेगा श्रीनगर-लेह-लद्दाख का सफर:
जोजिला सुरंग कई मायनों में बेहद ख़ास है। श्रीनगर-लेह-लद्दाख में रोजाना लाखों की तादाद में पर्यटक आते-जाते रहते है। ऐसे में सुगम रास्ता उनके सफर को काफी आसान बना देगा। इसे एशिया की सबसे लंबी सुरंग बताई जा रही है। इस टनल के पूरा होने पर सर्दियों में होने वाली भारी बर्फबारी के बीच श्रीनगर-लेह-लद्दाख हाइवे बंद नहीं होगा और लद्दाख जाना आसान होगा। इस सुरंग की नींव मोदी सरकार ने साल 2018 में रखी थी। इससे आम जनता के साथ सेना को भी काफी मदद मिलेगी। इसके पूरा होने पर हर मौसम में कश्मीर घाटी से लद्दाख का संपर्क बना रहेगा। श्रीनगर, द्रास, करगिल और लेह के इलाके जुड़े रहेंगे।
3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनाई जा रही है ये सुरंग:
गौरतलब है कि श्रीनगर-लेह पर जाने के लिए पहाड़ों से होकर रास्ता निकलता है। ऐसे में यह सुरंग भी काफी ऊंचाई पर स्थित है। अगर इसकी ऊंचाई की बात करें तो वो कुतुबमीनार से 5 गुना अधिक ऊंचाई पर बनाई जा रही है। जोजिला पास के करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर यह सुंरग बनाई जा रही है। इसकी लोकेशन NH-1 (श्रीनगर-लेह) पर है। सुरंग की दीवारों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। सुरंग के दोनों छोर पर खंभे लगाकर कैमरा इंस्टॉल किए जाएंगे. सीसीटीवी फुटेज कंट्रोल रूम भेजे जाएंगे।
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